Excited to Announce The Launching of an e-magazine to Inspire womanhood
हर स्त्री एक प्रेरणा! (स्वावलंबी महिलाओं की No.1 प्रेरणास्त्रोत E-magazine):
हर स्त्री एक प्रेरणा! एक ऐसा मंच है जहां महिलाएं अपनी उपलब्धियों और पहचान की अनकही कहानियां बात सकती हैं। वह कहानियां जिनमें उनके सपने, संघर्ष, साहस और उपलब्धियों का वर्णन हो और जिनसे अनेक महिलाओं को मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन मिल सकेगा।
हमारी सोच है कि हर स्त्री अपने जीवन में बहुत से उतार चढ़ाव देखने के बाद ही अपने आप को एक मुकाम तक ले जाती है, इसलिए हर स्त्री की कहानी अपने आप में प्रेरणा का स्त्रोत है। हम चाहते हैं कि इस पत्रिका के माध्यम से हर स्त्री अपनी कहानी को सबके साथ सांझा करे ताकि औरों को उससे और उसको औरों की कहानी से प्रेरणा मिल सके।
🗣️Launching Announcement
आज महालया है, आज के दिन पितृ पक्ष के समापन होता है और आज ही से 35 दिनों बाद शारदीय नवरात्रि के लिए मां आदि शक्ति के आगमन कि त्यरिया शुरू होती हैं।
इस पावन अवसर पर महिलाऔं की सबसे बड़ी प्रेरणा स्त्रोत मां शक्ति की गाथा और cover page के साथ 💐E-magazine “हर स्त्री एक प्रेरणा”💐 को www.pearlsofwords.com पर लॉन्च कर रहे हैं।

मैं औरत हूं!
सदियों से औरत अपने अस्तित्व के लिए लड़ाइयां लड़ती ही आ रही है। कभी किसी रूप में तो कभी किसी बात पर खुद की जगह बनाने के लिए क्रांति की तरह सामने आती रही है।
आखिर इंसान होने के बावजूद भी अपने विपरीत एक मात्र पुरुष जाति से इतना बड़ा अंतर क्यों है?
क्यों हर बार औरत को यह बताना और समझाना पड़ता है कि मैं कितनी महत्वपूर्ण हूं या मेरी अहमियत क्या है?
भला क्यों सब कुछ स्पष्ट दिखते हुए भी लोग इस बात को समझना नहीं चाहते की औरत केवल मात्र जिम्मेदारियों का बोझ उठाने वाला गधा नहीं है बल्कि वह भी एक महत्वपूर्ण किरदार है, जिसके बिना इस धरती पर न जीवन संभव है और ना ही जीवन यापन।
आखिर क्यों अपने आप का वजूद स्थापित करने के लिए महलाओं को आरक्षण की आवश्यकता है?
क्यों किसी भी बस अथवा ट्रेन में महिलाओं को अलग स्थान की आवश्यकता पड़ती है?
आखिर क्यों इतनी जागरूकता और शिक्षा के बावजूद भी समाज आज भी स्त्री की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाता है?
भला क्यों केवल शारीरिक अंतर होने के कारण हर जगह हर परिस्थिति में स्त्री का ही शोषण होता है?
मातृत्व के जो भी चिन्ह प्रभु से एक स्त्री की संरचना के समय उसे मिले हैं जिन पर एक नए जीवन का जन्म एवम् पोषण आधारित है, पर सदैव अप्रिय नज़रों का प्रहार रहता है?
क्यों हर इल्ज़ाम केवल औरत के खाते होता है?
आखिर क्यों हर बात को समझने का दारोमदार केवल औरत का है?
हैरानी की बात यह है कि इस विषय पर अनगिनत लेख लिखे गए हैं अनगिनत बार चर्चाएं परिचर्चाएं, चलचित्र आदि तैयार कर समाज को इस विडंबना से बाहर निकालने की कोशिश की गई है पर फिर भी न जाने क्यों इंसान की बुद्धि के किसी कोने में वह संकीर्णता और छिछोरापन ज्यों का त्यों ही धरा है।
लेकिन फिर भी औरत को ईश्वर ने नज़ाकत के साथ साथ इच्छा शक्ति, सहनशक्ति, धैर्य और साहस का वह अदभुत वरदान दिया है कि हम हमारे आस पास ऐसे अनेक उदाहरण देख सकते हैं जहां विभिन्न विपरीत परिस्थितियों के बावजूद, दुनिया कि परवाह ना करते हुए, महिलाओं ने अपने कौशल का भरपूर प्रदर्शन करके अपनी पहचान बनाई है।
उद्देश्य:
- इस पत्रिका का मूल उद्देश्य उन महिलाओं की प्रेरणदायक कहानियों को सामने लाना है जिन तक कोई नहीं पहुंच पाता और उन असाधारण प्रतिभावान महिलाओं की अदभुत जीवन गाथा औरों तक नहीं पहुंच पाती।
- महिलाओं की वास्तविक परिस्थिति को भावनात्मक दृष्टिकोण से समझने और समाज के दोगले व्यवहार में कुछ सकारात्मक बदलाव की अपेक्षा है।
- उन महिलाओं के लिए प्रेरणस्त्रोत स्थापित करना जो अब भी कहीं अपने अंतर्मन में अपने सपनों के लिए कोई निर्णय नहीं ले पा रही है।
विशेषता:
- हिंदी भाषा में प्रकाशित ये कहानियां आसानी से पढ़ी व महसूस की जा सकेंगी।
- इसके अतिरिक्त निजी व्यवसाय से जुड़ीं महिलाएं अपनी कहानी के माध्यम से अपने उत्पादों अथवा सेवाओं का प्रसार कर पाएंगी।
- पाठकों को भी इन आवश्यक सुविधाओं के बारे में ज्ञात हो पाएगा और वे आवश्यकता होने पर आपस में संपर्क कर सकते हैं।
Congratulations to womanhood👍💐


3 Comments
Ravindra khedekar
Good Morning to whole team and congratulations…
सृष्टि की रचनाकार और मानव जाति की मूलाधार के विचारों की नई श्रृंखला की शुरुआत के लिए, आप सब के साथ ।।।
Author/Editor
आपका बहुत धन्यवाद एवं स्वागत Ravindra Khedekar ji…
Ravindra Khedekar
Ravindra Khedekar,
Assistant Professor,
Institute of Journalism and Mass Communication IJMC, SAGE University, Indore MP, India…
8871157454 – Whatsapp