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A Hindi Poem Dedicated to Hindi Diwas by Sarita Singh

आज हिंदी पूजन करो

हिंदी का सम्मान करो, हिंदी पर अभिमान करो,

बिना डरे बोलो हिंदी, अपनी भाषा का मान करो।

हिंदी भाषा यह रसदार है इस भाषा में रफ्तार है,

अपने पर जो आ जाए ,हिंदी करती ये हुंकार है।

जनता की आवाज है हिंदी, क्रांति की मिसाल है,

भाषा में समृद्धि भरी ,हिंदी भाषा यह विशाल है।

बड़े गर्व से कहती हूं ,मैं हिंदी से जन्मी हूं,

हिंदी मेरी भाषा है और मैं ही इस की बेटी हूं।

हिंदी पर सब को नाज है,हिंदी कल है और आज है

मूल भाषाओं का संगम ,हिंदी सब भाषाओं में खास है।

हिंदी का सम्मान करो, हिंदी पर अभिमान करो।

बिना डरे बोलो हिंदी, अपनी भाषा का मान करो।

सरिता सिंह गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

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