This blog has poems in Hindi, English and Urdu. with purpose and feel & related media . To develop motivation, values and spiritual wisdom.
राखी लेकर बहना आई — ऋतु सावन मनभावन आई, शुभ पावन अवसर आया है। शुचि मधुमय पूनम का यह दिन, राखी का उत्सव लाया है।। घर आँगन की बगिया महकी, उपवन में चिड़ियाँ चहकी। धानी चूनर ओढ़ धरा अब, मन खिला सुमन कलियाँ लहकी।। अब बेला आई अलबेली, रस सकल सृष्टि बरसाया है। शुचि मधुमय […]
Read Moreआज हिंदी पूजन करो हिंदी का सम्मान करो, हिंदी पर अभिमान करो, बिना डरे बोलो हिंदी, अपनी भाषा का मान करो। हिंदी भाषा यह रसदार है इस भाषा में रफ्तार है, अपने पर जो आ जाए ,हिंदी करती ये हुंकार है। जनता की आवाज है हिंदी, क्रांति की मिसाल है, भाषा में समृद्धि भरी ,हिंदी […]
Read Moreई-पत्रिका, हर स्त्री एक “प्रेरणा” के मंच पर हम हर त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाते रहे हैं, ऐसे में स्त्री के सबसे पावन नाम ‘मां’ को भला कैसे भूल सकते हैं… प्रेरणा मैगजीन की सभी सम्मानित रचनाकार सखियां अपने भावनात्मक एवं सुंदर विचारों तथा छवियों के साथ मना रही हैं “मदर्स डे”… प्रस्तुत है […]
Read Moreनए वर्ष का स्वागत बिल्कुल वैसे नए वर्ष तुम आना, जैसे घर में नवजात शिशु आता है, साथ में ढेरो खुशियाँ लाता है़ं। देखकर उसका सलोना मुखडा़ माँ सारी पीड़ा भूल जाती है। तुम भी ऐसे ही आना, बीते वर्ष की सारी कड़वी यादें भुला देना। जनवरी को मुस्कुराहट से भर देना, फरवरी में वसंत खिला […]
Read Moreमोना चन्द्राकर मोनालिसा रायपुर छत्तीसगढ़ माँ क्या है ? माँ एक शीतल छांव है । माँ नहीं होती तो हमें जन्म कौन देता । माँ ईश्वर का सबसे अद्भुत अप्रतिम सृजन है । माँ पहली गुरु होती है बच्चों की । माँ का स्थान तो ईश्वर से भी ऊपर होता है । माँ हम […]
Read Moreवर्जीनिया, अमेरिका से कवयित्री मंजू श्रीवास्तव जी मूलतः देहरादून निवासी, एक क्लासिकल कत्थक डांसर हैं साथ ही साहित्य सेवारत भी हैं। वर्जीनिया में सीनियर सिटीजन सेन्टर में ऐच्छिक तौर पर कत्थक का प्रशिक्षण दे रही हैं। “अंतर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच” की अध्यक्ष हैं… इनके चार सांझा संकलन – कविता, लघुकथा एवं कहमुकरी (विधा) के अतिशीघ्र […]
Read Moreद्वारा :- डॉ. प्रेरणा दाधीच (टोंक, राजस्थान ) शीर्षक :- मेरी प्रतीक्षा विधि :- कविता भक्ति रस में लिखी यह कविता मीरा बाई की याद दिलाती है। इतनी सूंदर प्रस्तुति के लिए प्रेरणा जी बधाई की पात्र हैं। काव्य शैली में प्रभु की महिमा गाने अथवा अपनी प्रीती और प्रभु मिलान की आस को भाव […]
Read MoreWhy is Mother Earth worried? Oh dear Earth, the divine blissful Mother,Why are you sad & worried?, just tell us… We are so glad & auspicious too,By the blessings We redeem every bit from you… You are strong & kind enough though,Then why are you worried & bend like a bow? The Earth then replied […]
Read Moreहिंदी कविता: गुरू गुरु बिना घोर अंधेरा, गुरु बिना नहीं कोई मेरा. ज्ञान के दीप जलाए गुरु ने, भ्रम तज मार्ग दिखाएं गुरु ने धर्म, दया, मूल्य और नियम से, बुद्धिजीवी बनाएं गुरु ने, अनुशासन और कड़े जतन से, उत्तम व्यक्तित्व सजाएं गुरु ने। गुरु के रूप कई जीवन में, उच्च ज्ञान जो हमको दिखलाऐं […]
Read MoreA- अक्स क्यों इतना मजबूर मेरा वजूद नज़र आता है, उलझा उलझा बड़ा फ़िजूल नज़र आता है.. अपनी आंखों के बिखरते सपनों का, कतरा कतरा ज़हर सा नज़र आता है.. हम ढूंढते रहे जिन गलियों में खुद की परछाई, उन गलियों में अंधेरा ही नज़र आता है.. वो ख्वाहिशें जो उड़ती रही मेरे नभ पर, […]
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