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बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन को फिल्म इंडस्ट्री में उनके शानदार योगदान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया। सामान्य जानकारी के आधार पर आपको बता दें कि, 8 जनवरी, 1955 को जारी किए गए राष्ट्रपति पद के अधिसूचना के बाद इनका नाम बदलकर पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री […]
Read Moreहोली में घर पर भी बनाइए मजेदार पकवान रंगों से सराबोर होली के बारे में सोचते ही जहां एक ओर लाल-गुलाबी रंगों की महकती फुहार महसूस होने लगती है, वहीं दूसरी ओर पारंपरिक पकवानों की खुशबू से मुंह में पानी आ जाता है। हमारा देश त्योहारों के साथ साथ जुड़े पकवानों की परंपरा से ओतप्रोत […]
Read Moreआज हिंदी पूजन करो हिंदी का सम्मान करो, हिंदी पर अभिमान करो, बिना डरे बोलो हिंदी, अपनी भाषा का मान करो। हिंदी भाषा यह रसदार है इस भाषा में रफ्तार है, अपने पर जो आ जाए ,हिंदी करती ये हुंकार है। जनता की आवाज है हिंदी, क्रांति की मिसाल है, भाषा में समृद्धि भरी ,हिंदी […]
Read Moreप्रस्तुत है मासिक ई- पत्रिका, हर स्त्री एक “प्रेरणा” के May-2022 अंक के साथ…इस अंक में Featured Lady (प्रेरणा) के रूप में आपकी मुलाकात कराने जा रहे हैं सवाई माधोपुर राजस्थान से महिला उद्यमी एवं समाज सेविका श्रीमती रीता सिंह जी…. Mother’s Day Special इस माह को समर्पित इस अंक में इनकी प्रेरणादायक कहानी लेकर […]
Read Moreई-पत्रिका, हर स्त्री एक “प्रेरणा” के मंच पर हम हर त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाते रहे हैं, ऐसे में स्त्री के सबसे पावन नाम ‘मां’ को भला कैसे भूल सकते हैं… प्रेरणा मैगजीन की सभी सम्मानित रचनाकार सखियां अपने भावनात्मक एवं सुंदर विचारों तथा छवियों के साथ मना रही हैं “मदर्स डे”… प्रस्तुत है […]
Read Moreनए वर्ष का स्वागत बिल्कुल वैसे नए वर्ष तुम आना, जैसे घर में नवजात शिशु आता है, साथ में ढेरो खुशियाँ लाता है़ं। देखकर उसका सलोना मुखडा़ माँ सारी पीड़ा भूल जाती है। तुम भी ऐसे ही आना, बीते वर्ष की सारी कड़वी यादें भुला देना। जनवरी को मुस्कुराहट से भर देना, फरवरी में वसंत खिला […]
Read Moreशीर्षक -राष्ट्रीय शिक्षा और सामाजिक समरसता उन्नयन में ऑनलाइन शिक्षा की भूमिका सर्वद्रव्येषु विद्यैव द्रव्यमाहुरनुत्तमम् ।अहार्यत्वादनर्ध्यत्वादक्षयत्वाच्च सर्वदा ॥ अर्थ: सब धनों में विद्यारुपी धन सर्वोत्तम है, क्योंकि इसे न तो छीना जा सकता है और न यह चोरी की जा सकती है. इसकी कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती है और उसका न इसका कभी […]
Read Moreमोना चन्द्राकर मोनालिसा रायपुर छत्तीसगढ़ माँ क्या है ? माँ एक शीतल छांव है । माँ नहीं होती तो हमें जन्म कौन देता । माँ ईश्वर का सबसे अद्भुत अप्रतिम सृजन है । माँ पहली गुरु होती है बच्चों की । माँ का स्थान तो ईश्वर से भी ऊपर होता है । माँ हम […]
Read Moreशरद पूर्णिमा की चांदनी के औषधीय गुण -विनीता अग्निहोत्री भारत में मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों को ध्यान से देखा जाए तो हम देख सकते हैं कि यह मनुष्य को प्रकृति से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जाओं से जोड़ने की बहुत सुंदर योजना है। हमारे धर्म ग्रंथों ने अधिकतर हमें उन्हीं चीजों से जुड़ा है जिससे […]
Read Moreमीरा मिश्रा, सेवा निवृत्त प्रोफेसर, बराबू, मुजफ्फरपुर. ‘वैदिक ऋषिका से आधुनिका तक’-पथ महान या पथिक ? महिला, अर्थात महान, के कृतित्व की पूर्वकथा स्मरणीय है-पूर्व-वैदिक, वैदिक काल में उनका पारिवारिक, वैचारिक, धार्मिक व्यक्तित्व स्वातन्त्र्य, सफल पत्नीत्व, मातृत्व, सम्यक् चिन्तन, शिक्षा, आत्म-विकास के मार्ग पर, अग्रणी रहा। उत्तर-वैदिक काल में, “अपराध-अंधकार-पुंज” व “पुरुष-मुखापेक्षी” रूप, कालिदास की […]
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