

हमने अक्सर लोगों को कहते सुना है कि हमें सब आता है या इसमें क्या है ऐसे काम तो मैंने बचपन में ही सीख लिए थे। पर क्या किसी विषय की दक्षता होना ही सफलता की कुँजी है?
सफलता तो 100% परिश्रम करने से ही मिलेगी!
अपने कौशल को एकत्रित कर तिजोरी में रखने से कुछ नहीं होगा…
उस कौशल पर जम कर काम करना होगा….
यह शरीर भी न किसी मशीन के समान ही है,
चलता रहेगा तो न सिर्फ स्वस्थ रहेगा
बल्कि कुछ न कुछ बेहतरीन करके भी दिखायेगा।

इस बात पर खरगोश और कछुये की कहानी याद आती है, है न? यानी अन्त में जीत कड़ी मेहनत करने वाले की ही होती है। माना खरगोश के पास speed थी पर उसने चलना ही छोड़ दिया तो लक्ष्य तक पहुँचता भला कैसे! वहीं कछुआ भले ही बहुत slow था पर निरंतर चलते हुए उसने सफलता प्राप्त कर ली।
तो चलते रहिये, मुस्कुराते रहिये और यह गुनगुनाते रहिये…..
गाड़ी बुला रही है, सिटी बजा रही है…. चलना ही जिंदगी है ssss चलती ही जा रही है ssss गाड़ी बुला रही है, सिटी बजा रही है….
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A beautiful positive poem. Loved reading it.
Deepika Sharma
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Thank u Deepika. Sure I’ll love to.