हिंदी कविता: गुरू गुरु बिना घोर अंधेरा, गुरु बिना नहीं कोई मेरा. ज्ञान के दीप जलाए गुरु ने, भ्रम तज मार्ग दिखाएं गुरु ने धर्म, दया, मूल्य और नियम से, बुद्धिजीवी बनाएं गुरु ने, अनुशासन और कड़े जतन से, उत्तम व्यक्तित्व सजाएं गुरु ने। गुरु के रूप कई जीवन...