Hindi Poetry: Guru, The Teacher

हिंदी कविता: गुरू

गुरु बिना घोर अंधेरा, गुरु बिना नहीं कोई मेरा.

ज्ञान के दीप जलाए गुरु ने, भ्रम तज मार्ग दिखाएं गुरु ने

धर्म, दया, मूल्य और नियम से, बुद्धिजीवी बनाएं गुरु ने,

अनुशासन और कड़े जतन से, उत्तम व्यक्तित्व सजाएं गुरु ने।

गुरु के रूप कई जीवन में, उच्च ज्ञान जो हमको दिखलाऐं

माता गुरू बन स्वर समझाएं, पिता गुरु बन चलना सिखाए,

धर्म ज्ञान को गोविंद गुरु भय, विद्यालय में मास्टर जी आए।

जीवन के पथ रिले पथ पर, कैसे संतुलन रखना है?

कदम-कदम हरि नाम को जपकर कैसे, क्या, कब, क्यों करना है।

सारा पाठ गुरु जी सिखातेहर एक बात गुरुजी समझाते

हंसा हंसा कर रुला धुलाकर हर एक संभव यत्न जुटाकर,

हमको सुंदर व्यक्तित्व बनाते, हमको मानवता से खिलाते…

ऐसे सारे गुरुजनों को……

हम हाथ जोड़कर नमन बुलाते

हम हाथ जोड़कर नमन बुलाते

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स्वावलंबी महिलाओं की प्रेरणा स्त्रोत

हिंदी E- Magazine हर स्त्री एक “प्रेरणा”

माँ आध्य शक्ति विशेष अंक March-2021

और

हर स्त्री एक “प्रेरणा” का होली विशेष अंक April-2021

Editorial Team (Prerna ki Awaaz)

Hello Everyone, Thank you for being with Digital Magazine "Prerna ki Awaaz"... (An inspirational bilingual magazine for the unique journey of life of self-reliant & liberated world...) आत्मनिर्भर और मुक्त विश्व की अनूठी जीवन यात्रा के लिए एक प्रेरणादायक द्विभाषी पत्रिका... "प्रेरणा की आवाज़" के साथ बने रहने के लिए आपका हार्दिक आभार...

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