हिंदी कविता: गुरू गुरु बिना घोर अंधेरा, गुरु बिना नहीं कोई मेरा. ज्ञान के दीप जलाए गुरु ने, भ्रम तज मार्ग दिखाएं गुरु ने धर्म, दया, मूल्य और नियम से, बुद्धिजीवी बनाएं गुरु ने, अनुशासन और कड़े जतन से, उत्तम व्यक्तित्व सजाएं गुरु ने। गुरु के रूप कई जीवन में, उच्च ज्ञान जो हमको दिखलाऐं […]
Read Moreदरीचे = छोटी खिड़कियाँ खोल रखे थे बाबा ने तब कई किंवाड अवसरों के, छू रहे थे हवा और पानी, जीवन रहता था जीने में, समय की तेज़ आंधीयों में हो गए बंद सब दरवाज़े, मुद्दतों बाद कुछ दरीचे नज़र आए हैं ख्वाहिशों के। 🖋रमन
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