MyPoems: नारी शक्ति को दर्शाति कविता : तुम बिन
मैं जी नहीं पाऊँगी तुम बिन हाँ, जी नहीं पाऊँगी तुम बिन चाहे रिश्ते हजार मिल जाए पर साथ न कोई भी तुम बिन चाहे नाम अनेकों पड़ जाए, पहचान नहीं मेरी तुम बिन चाहे काम पहाड़ से बढ़ जाए पर शक्ति नहीं होती तुम बिन चाहे वक्त बहुत...
MyPoems : Social issues : सामाजिक पहलू
आरक्षण कोई मत बांटो इस देश को कोई मत बांटो मेरे देश को य यह भारत माता तड़प रही हम सब के आगे बिलख रही मत तोड़ो उस विश्वास को जो जोड़े आम और खास को अरे मत बांटो इस देश को तुम मत तोड़ो इस देश को यह आरक्षण...
MyPoems: मरीचिका
मरीचिका •आसमां जितना भी दिखे, हाथों में समा सकता नहीं •आईने में अक्स: चाहे, मैं ही हूँ फिर भी छुआ जाता नहीं •ख्वाब जितने भी हों पलकों के खुलते ही, मिला करते नहीं •तमाम उर्म गुज़ार ली सीखने सिखाने में फिर भी यूं लगता है मानो अब भी कुछ...