My Blog : मेरे बचपन का सपना

इस दुनिया में हर कोई अपने सपनों के साथ जी रहा है। जैसे आत्मा के बिना शरीर का कोई मतलब नहीं वैसे ही सपनों के बिना अस्तित्व के कोई मायने नहीं।
मेरे भी तो सपने हैं, वही जो बचपन से हमारे साथ साथ चलते आ रहे हैं, जिन्हें पूरा करने की असीम इच्छा लिए मैं दिन-रात अपने आप से जूझती चली आ रही हूं। दुनिया भर की दुनियादारी और हर जिम्मेदारी को निभाते हुए भी अपनी गति में आगे बढ़ती जा रही हूं।

पर उन अधूरे सपनों का साथ मैंने कभी नहीं छोड़ा, वह मुझसे छूटता ही नहीं, अजी मैं क्या छोडूंगी वह खुद ही मेरे अंदर एक लक्ष्य की तरह समाया हुआ है। मानो कह रहा हो कि जब तक मैं अपने ख्वाबों को ताबीर नहीं कर लेती तब तक शायद मुझे मौत भी नहीं आएगी। एक जुनून सा है मेरे अंदर, क्योंकि हर दिन मैं अपने सपनों के साथ ही सांस ले रही हूं। माना आज उनका कोई वजूद तो नहीं है पर मैं उन्हें आने वाले कल में जीवंत देखने को महसूस करने को आतुर हूं। मानो उसी के लिए तो जी रही हूं कि…….

कभी तो वह पल, वह मुकाम आएगा जब मैं गहरी सांस ले कर खुद को प्रोत्साहित करते हुए यह कह सकूंगी की…. वाह आज वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे बचपन से इंतजार था।

मुझे अपने आप का नाम अपने हुनर से बनाना है मैं अपने हुनर से अपनी पहचान बनाना चाहती हूं।
मैं लेखिका हूं और कई विषयों पर अपनी phylosophical सोच के आधार पर लिखती हूं।
मेरे लेख कभी कविता के तो कभी कहानियों या अनुच्छेद की तरह वातावरण में अपनी जगह बनाते हैं, और मेरे इन शब्दों में कोई बात है….यह बात मुझे मेरे लेख पढ़ने वालों की प्रतिक्रिया से जाहिर होता है।
जिससे मुझे ना सिर्फ प्रेरणा मिलती है बल्कि प्राणवायु की तरह पाठकों का हर शब्द मेरी रगों में दौड़ उठता है।
मैं अपने शब्दों को पहचान देना चाहती हूं…. उन्हीं शब्दों को बोलना भी चाहती हूं…. कभी स्टेज पर खड़े होकर हजारों लोगों को संबोधित करना चाहती हूं तो कभी रेडियो से अपनी आवाज से शब्दों में प्राण फूंक कर मंत्रमुग्ध हो जाना चाहती हूं।

लोग अक्सर पूछ करते हैं कि आखिर क्या मिलेगा इन सपनों से…..

मैं कहती हूं कि….
माना धन संसाधन है और जीने का साधन ही सही,
पर सपनों को पाने के आगे, सोना का भी मूल्य नहीं।।

Editorial Team (Prerna ki Awaaz)

Hello Everyone, Thank you for being with Digital Magazine "Prerna ki Awaaz"... (An inspirational bilingual magazine for the unique journey of life of self-reliant & liberated world...) आत्मनिर्भर और मुक्त विश्व की अनूठी जीवन यात्रा के लिए एक प्रेरणादायक द्विभाषी पत्रिका... "प्रेरणा की आवाज़" के साथ बने रहने के लिए आपका हार्दिक आभार...

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