Benefits and Risks of Oats in Hindi

उस दिन विशाखा ने जैसे ही अपना कॉल उठाया, सामने से संजना ने बड़े ही बेचैन स्वर में हैलो के बाद एक ही साँस में सारी बात कह डाली, “यार विशाखा जल्दी आजा, प्लीज़, आज ही टाइम निकाल कर मेरे घर आजा यार”, तुमसे ज़रूरी मुद्दे पर बात करनी है, तो तुम आ रही हो न? कब तक पहुँचोगी? शाम की चाय पर, हाँ तुम शाम को ही आ जाओ, मैं तेरा इंतज़ार करुँगी। ऐसा कह कर और विशाखा की एक भी बात न सुनकर संजना ने कॉल डिसकनेक्ट कर दिया। 

विशाखा, संजना की बचपन की सहेली है और पेशे से nutritionist है। यूँ तो संजना भी पेशे से एक जानीमानी कंपनी में HR manager है, पर घर पर सासूमाँ के तर्क कभी नहीं सुलझा पाती। बरसों से उनके घर नाश्ते में परांठे बनते आ रहे हैं और सेहत को मद्देनज़र रखते हुए संजना अब सुबह का नाश्ता हल्का और पौष्टिक बनाना चाहती है, पर जब भी इस विषय पर बात होती है तो विशाखा की सासूमाँ निर्मला जी नाराज़ हो जातीं, और उनका तर्क यह होता कि सारी रात के बाद दिन का पहला भोजन पेट भर कर खाना चाहिए और परांठे ही इसका सही विकल्प हैं। इस बार संजना जब रसोई के लिए बाज़ार गई तो ओट्स भी खरीद लाई थी और वहीँ से इस बार का महायुद्ध आरंभ हो गया। 

संजना ने शाम होते ही चाय गैस पर चढ़ाई और साथ ही विशाखा को फिर कॉल किया तो विशाखा के फ़ोन की रिंग संजना के दरवाज़े पर ही सुनाई दी। दरवाज़ा खोलते ही संजना ने विशाखा को गले लगाया और अंदर आते हुए संजना ने विशाखा को सारी बात बताई और सासूमाँ को सही तरह से ओट्स के बारे में समझाने को कहा। संजना चाहती तो निर्मला जी को परांठे परोस कर अपने, अपने पति एवं बच्चों को ओट्स की बनी कोई डिश परोस सकती है, पर वह निर्मला जी को भी इस उम्र में हल्का व पौष्टिक खाना खाने के लिए प्रेरित करना चाहती है। इसलिए वह चाहती थी कि विशाखा ओट्स के सारे तथ्य निर्मला जी को बताये। 

संजना बालकनी में लगे सुंदर पौधों और फूलों के सामने लगे मेज़ पर चाय और नाश्ता लगाती है और माँ जी को भी साथ आमंत्रित करती है। पौधों और गमलों के बीच से झांकती ढलते सूरज की किरणों के साथ स्वाद से सजी मेज़ और तीन खूबसूरत महिलाओं का साथ बहुत जंच रहा था। निर्मला जी को सादर अभिनंदन करने के बाद विशाखा ने nutritive माहौल बनाने के लिए अपने handbag में से ओट्स और हनी के बिस्किट्स निकले और बड़े प्यार से सभी को बाँटे। निर्मला जी को बिस्कुट बहुत पसंद आया। फिर भी वे बोली, 

आखिर ये ओट्स है क्या :

 हमारे ज़माने में यह पशुओं को खिलाने में उपयोग करते थे, माँ जी ने अनमने भाव से कहा। इस पर विशाखा ने उत्तर देते हुए कहा, “आप अपनी जगह सही हैं पर अब इसके गुणों को देखते हुए इसके मायने बदल गए हैं, बातचीत के दौरान विशाखा ने अपना laptop निकाल और ओट्स पर अपनी research की कुछ slides दिखाते हुए निर्मला जी को बताया कि ओट्स भी एक प्रकार का अनाज ही है जिसे भारत में “जई” कहा जाता है। यह स्कॉटलैंड का मुख्य अनाज है बिलकुल वैसे ही जैसे भारत में गेहूँ और चावल का मुख्य अनाज के रूप में उपयोग किया जाता है। जब भारत में इसके फायदे जाने गए तब यहाँ भी लोग ओट्स का प्रयोग ओटमील के रूप में करने लगे हैं। ओट्स को आसानी से पचाया जा सकता है इसलिए यह पेट को स्वस्थ रखने में फ़ायदेमंद है। 

आइये! अब जानते हैं कि ओट्स हमें क्या- क्या देता है – 

ओट्स में उपलब्ध पोषक तत्व :

ओट्स में कई प्रकार के पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में उपस्थित हैं, इसलिए ओट्स का सेवन करने वालों को बहुत से पोषक तत्वों का फ़ायदा मिलता है।  ओट्स के बारे में और जानने से पहले इसमें उपलब्ध पोषक तत्वों की जानकारी लेते हैं। 

ओट्स में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स के साथ साथ कैलोरी की अच्छी मात्रा होती है, इसलिए इसे सुबह के नाश्ते में खाना सर्वोत्तम माना जाता है। 

इसके अलावा इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक, आयरन, प्रोटीन और विटामिन-बी व ई भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है।  

फॉलिक एसिड होने के कारण बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए भी यह बहुत उपयोगी है तथा गर्भवती महिलाओं को भी इसका नियमित सेवन करना चाहिए। ओट्स के इन्हीं  फ़ायदों को देखते हुए दुनिया भर में कई टन ओट्स का उत्पादन किया जाता है।

ओट्स के प्रकार :

विशाखा ने निर्मला जी को बताया कि जिस प्रकार चावल की कई किस्में बाजार में उपलब्ध हैं उसी प्रकार ओट्स को पीसकर, काटकर अलग अलग तरह के ओट्स तैयार किये जाते हैं। ओट्स को इसके उपयोग के आधार पर 6 भागों में बाँटा गया है, जिन्हें आप यहाँ सर्वोत्तम से सामान्य गुणवत्ता (पोषक तत्वों के आधार पर) के आधार पर  देख सकते हैं जैसे :

1. Oat bran : इस श्रेणी के ओट्स पोषक तत्वों से भरपूर कवच से घिरे रहते हैं।  

2. Oat Groats : इस प्रकार के ओट्स को कवच के अंदर के अनाज को निकालकर चावल की तरह पकाया जा सकता है।

3. Steel-Cut : इस प्रकार के ओट्स में कवच निकले अनाज को 2-3 भागों में काटकर बनाया जाता है। 

4. Scottish Oats : यहाँ ओट्स को steel cut की तरह ही काटा जाता है पर इस बार बहुत ही बारीक़, छोटे छोटे टुकड़े कर दिए जाते हैं। 

5. Rolled : यह पुरातन विधि से तैयार किया जाता है इसमें कवच के अंदर के अनाज को भाप से पकाया जाता है ताकि यह instant receipe बन जाये। 

6. Quick or Instant : इस श्रेणी में कवच के अंदर के अनाज को लंबे समय के लिए भाप में पकाया जाता है जिससे यह ज्यादा पानी संरक्षित कर लेता है और इसे पकाने में और भी आसानी हो जाता है। 

 ओट्स के फायदे:

1. हृदय रोग: ओट्स फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, ओट्स में पाए जाने वाला बीटा ग्लूकॉन नामक यह फाइबर शरीर के कोलेस्ट्रॉल को कम करने में बहुत लाभदायक होता है। बीटा ग्लूकॉन good cholesterol को बिना छेड़े Bad Cholesterol कम करता है जो दिल को स्वस्थ रखने के लिए बहुत अच्छा है। इसके अलावा इसमें antioxidant गुण भी पाया जाता है, जो दिल की बीमारियों को दूर करने में सहायक है, इसलिए ओट्स को दिल के लिए key food item भी कह सकते हैं। 

2. Blood Sugar: जब भोजन जल्दी हज़म होता है तब वह suger level बढाने का कारण बनता है। फाइबर युक्त भोजन को पचने में समय लगता है, जिससे ब्लड शुगर और Type-2 Diabetes होने का खतरा कम हो जता है। अब जैसा कि हम बार-बार यही समझ रहे हैं कि ओट्स की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि यह फाइबर से भरपूर होता है, इसलिए डायबिटीज से ग्रसित लोगो को नियमित रूप से ओट्स का सेवन करना चाहिए। एक अध्ययन के अनुसार ओट्स का सेवन type 2 diabetes वाले रोगियों में ग्लूकोज और लिपिड प्रोफाइल को नियंत्रित रखता है। इसमें पाये जाने वाले बीटा ग्लूकॉन भी ब्लड शुगर लेवल को कम रखने में सहायक है। 

3. कैंसर: ओट्स में प्रचुर मात्रा में Antioxidant का गुण पाया जाता है, इसके यही एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं। शोध और अध्ययन से साबित हुआ है कि ओट्स का सेवन कैंसर के कारण होने वाली मृत्यु को बहुत हद तक कम कर सकता है। ओट्स में उपस्थित विशेष फाइबर रेक्टल और कोलन कैंसर को रोकने में सहायक हैं, यहाँ तक कि इसका नियमित सेवन आंत्र कैंसर के खतरे को भी कम करने की क्षमता रखता है। 

4. वजन घटाना: लोग वजन घटाने के लिए घंटों वर्क-आउट तो करते ही हैं। साथ ही ओट्स भी खाना शुरू कर दें तो काफी हद तक वजन घटाया जा सकता है। शरीर का बढ़ता वजन कई प्रकार की बीमारियों को आमंत्रण देता है जैसे दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज आदि। इसलिए मोटापे से निजात पाने के लिए अपनी डाइट में नियमित तौर पर ओट्स का प्रयोग करने से निश्चित ही वजन कम होता है। ओट्स में हाई फाइबर होता है जैसे कि आपको पता है फाइबर युक्त भोजन को पचने में देर लगती है, और पेट भरा रहता है। यही कारण है कि बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती। इसलिए वजन घटाने के डाइट प्लान में इसको ज़रूर सम्मिलित किया जाता है। मोटापे से बचने के लिए लोगों को रोज़ाना ओट्स के चीले का सेवन करना चाहिए।

5. कब्ज़ दूर करने में: ओट्स और ओटमील, फाइबर से भरे हैं तो यह कब्ज़ से छुटकारा दिलाने में अतुलनीय भूमिका निभाते हैं। ओट्स अघुलनशील फाइबर का एक अच्छा स्रोत है जो शरीर में उपस्थिति अतिरिक्त पानी को अवशोषित करने में मदद करता है जिससे मल (stool) को आंतों में चलने में मदद मिलती है और यह सूजन, गैस और दस्त को भी रोकता है।

6. Blood Pressure: वर्तमान में लोगों की जीवनशैली कई तरह की बीमारियों को आमंत्रित कर रही है। बहुत से लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, ऐसे में ओटमील खाना एक अच्छा कदम होगा। ओटमील उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है,  लगातार सेवन से ब्लड प्रेशर सामान्य स्तर पर नियंत्रित भी हो सकता है। कुछ शोध के अनुसार ओट्स का रोज़ सेवन करने से systolic blood pressure करीब 7.5 points और diastolic blood pressure भी लगभग 5.5 point तक कम हो सकता है।  यही कारण है कि यह दिल की अनेक बीमारियों से लड़ने में मददगार साबित होता है और Heart health risk भी काफ़ी हद तक कम करता है। नाश्ते में प्रतिदिन खाएंगे, तो ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है।

7. रोग प्रतिरोधकता: ओट्स में इतने पोषक तत्व विध्यमान हैं कि, इसको immunity booster food यानि रोग प्रतिरोधक खाद्द्य पदार्थों की लिस्ट में भी शामिल किया गया है। ओट्स में पाए जाने वाला बीटा-ग्लुकन शरीर की प्रतिरक्षा स्तर को इस तरह बढाता है कि सफेद रक्त कोशिकाओं की गतिविधि बढ़ जाती है और रोगों के खिलाफ सुरक्षा स्थापित होने लगती है। ओट्स सेलेनियम (salenium) और जिंक से समृद्ध होता हैं जो संक्रमण से लड़ने में अहम भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त घावों को तेजी से भरने, एंटीबायोटिक दवाओं के असर को बढ़ाने आदि में भी बीटा ग्लूकॉन की उपस्थिति अहम होती है। 

8. स्वस्थ सुन्दर त्वचा: ओट्स का सेवन त्वचा की सेहत के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद है, इसका उपयोग चेहरे के मुहाँसे, झाइयां, झुर्रियां, रूखी त्वचा इत्यादि पर बहुत असरदार होता है। 

फेस पैक :- चेहरे के मुहाँसे दूर करने के लिए आप आधा कप ओट्स को एक कप पानी में डालकर उबाल लीजिये, फिर ठंडे होने पर उस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 20 मिनट बाद ठंडे पानी से धो लीजिये। यह आपकी त्वचा पर अतिरिक्त तेल को सुखाकर मुँहासे दूर करते हैं। 

ओट्स का उपयोग त्वचा में निखार लाता है, रंग गोरा, और चमकदार बनाता है। ओट्स मुहांसों को दूर करने में सहायक है, ऑयली स्किन का बेहतर उपाय है। 

ओट्स में एंटीऑक्सिडेंट और anti-inflammatory गुण पाया जाता है जो खुजली और सुखी त्वचा के उपचार में उपयोग होता है। 

फेस पैक :- 1 कप ओट्स को बारीक़ पीसकर, पानी में उबालकर पेस्ट बना ले और पेस्ट को चेहरे पर लगा कर 15-20 मिनट के बाद में साफ पानी से चेहरा धो लें। 

9. रूसी से छुटकारा: बालों में रूसी होना एक आम प्रॉब्लम है, यह भी एक प्रकार का स्किन रोग ही होता है जो फंगल इंफेक्शन के कारण होता है। 

हेड पैक :- 1 कप ओट्स को बारीक़ पीस लें, इसे 2 कप पानी से साथ उबालकर पेस्ट बना लें, ठंडा होने पर  इसमें 1 चम्मच नींबू रस, 1 चम्मच apple cider vineger (सेब का सिरका) मिलाकर अच्छे से मिक्स कर लें और खाली शैम्पू की बोतल में स्टोर करके रख लें। 

इस मिक्सचर को नहाते समय 2-5 मिनट के लिए लगा कर रखे और फिर धो लें. रूसी ग़ायब और स्कैल्प साफ हो जाएगा। ओट्स का उपयोग बालों को चमकदार और सिल्की बनाने का काम कर सकता है। 

10. Easy to cook: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकतर लोगों के पास सही तरीके से नाश्ता बनाने और खाने का समय नहीं होता है। ओट्स एक ईजी मील है, जिसे आप तुरंत ही पका सकते हैं।

11. Stress Releaser: अगर आप तनाव के शिकार हैं, तो ओट्स का सेवन इस खतरे को कम करने में आपकी मदद करता है। डिप्रेशन की समस्या से घिरे लोगों के साथ ही सामान्य लोगों को भी अपने आहार में ओट्स को शामिल करना चाहिए। ओट्स में फाइबर और मैग्नीशियम पाया जाता है जो दिमाग में सेरोटोनिन (serotonin) की मात्रा बढ़ाते हैं जिससे मस्तिष्क शांत रहता है, मनोदशा अच्छी रहती है, यह तनाव, चिंता दूर करने में सहायक है। एमिनो एसिड और अन्य पोषक तत्व melatonin नामक केमिकल के निर्माण में मदद करता है जिससे नींद अच्छी आती है। यह सब सुनने के बाद निर्मला जी का मन शांत था। वह अब नाश्ते में ओट्स की विभिन्न रेसिपीज बनवाना चाहती थी। तब उन्होंने विशाखा से पूछा, “ओट्स से क्या-क्या बनया जा सकता है?”

विशाखा ने कहा वैसे तो इसमें बहुत कुछ बनाया जा सकता है पर अभी मैं आपको दो रेसिपीज बताती हूँ।

ओट्स का चीला :
सामग्री2 कप ओट्स1/4 कप रवा / सूजी या बेसन1 अंडा या दही (इच्छानुसार)2 हरी मिर्च बारीक़ कटी हुई1 छोटा प्याज़ बारीक़ कटा हुआकुछ कटी हुई मिक्स सब्ज़ियाँहरा धनियातेल पकाने के लिएमिर्च पाउडर और नमक स्वाद अनुसार   बनाने की विधि –सबसे पहले एक गहरे बर्तन में रवा, दही और पानी मिक्‍स करें। फिर इसमें ओट्स मिलाये। थोड़ी देर के लिए इस मिश्रण को रख दे।अब इसमें कटी हुई सब्‍जियाँ और धनिया मिक्‍स करें, फिर कटी हुई हरी मिर्च, नमक और मिर्च पाउडर  ठीक मात्रा में डालें।अब नॉन स्टिक पैन गरम कीजिये। पैन में थोड़ा सा तेल डालकर चारों तरफ फैला लीजिये।इस पर कटोरी या गहरे चम्मच से एक चिल्‍ले का घोल डाल कर फैलाएं। इसे मध्‍यम आँच पर पकाएं और गोल्‍उन ब्राउन हो जाने पर दूसरी साइड पलट दें।चीला को हरे धनिये की चटनी, टोमैटो सॉस, नारियल की चटनी या मूंगफली की चटनी के साथ गरम- गरम परोसिये। 
ओट्स उपमा :
सामग्री 1 कप ओट्स2 tbsp सूजी (रवा)2 tbsp बारीक़ कटी प्याज1 tbsp बारीक़ टमाटर, शिमला मिर्च, गाजर, कुछ मटर, फूल गोभी, फ्रेंच बीन्स, बारीक़ कटी हरी मिर्च1 tbsp उरद डाल, 1 tsp करी पत्ता, 1 tsp राइ2 tsp नीबू का रस2 tbsp तेल और नमक स्वादानुसारहरा धनिया और किसा हुआ नारियल   बनाने की विधि –सबसे पहले ओट्स और सूजी को एक कढ़ाही में मध्यम आँच पर भून ले, और इसे ठंडा करने रख दे|एक कढ़ाही में तेल गर्म कर उसमें राई और करी पत्ता डालें| राई अच्छे से हो जाये फिर उसमें उडद डाल कर हल्का ब्राउन होने दें| अब इसमें प्याज डाल कर उसे भी हल्का ब्राउन होने दें|शिमला मिर्च भी डाल दें| एक अलग बर्तन में पानी गर्म कर उसमें गाजर मटर, गोभी, बीन्स को हल्का उबाल लें जिससे वह नर्म हो जाये|सारी उबली सब्जियों का पानी निकाल इसे प्याज़ वाले मिश्रण में मिला दें| नमक डाल कर अच्छी तरह मिलाएँ।|अब इसमें 3 कप उबली सब्जियों का पानी डालें और उबाल आने दें| उबाल आने के बाद इसमें ओट्स और सूजी मिला दे| इसके बाद इसे जल्दी- जल्दी हिलाएं जिससे पानी ओट्स को अच्छी तरह सोख ले| नीबू का रस मिला दे| अब इसे 2 – 3 min के लिए धीमी आँच पर ढक कर रख दे|हरा धनिया और किसा नारियल डाले और गरमा गर्म परोसें|

ओट्स के नुकसान:

अब तक हमने ओट्स के फ़ायदों के बारे में जाना, एक नज़र ओट्स से होने वाले नुकसान पर भी डाल लेते हैं। याद रहे यदि ओट्स का सेवन गलत ढंग अथवा अपनी किसी बीमारी या स्थिति को नज़रअंदाज़ करके किया जाये तो यह नुक़सानदेह साबित हो सकता है। तो आइये, देखते हैं ओट्स से किस तरह के नुकसान हो सकते हैं :

  • अगर आपको पाचन संबंधी समस्या है तो ओट्स के सेवन से बचे वरना पेट में गैस और डकार की शिकायत हो सकती है। 
  • अगर किसी के दाँत नहीं हैं या मुँह में किसी भी प्रकार की समस्या हो और आप ओट्स को ठीक से चबा नहीं पा रहे हैं, तो इससे दूर ही रहे, क्योंकि यदि ओट्स को अच्छे से चबाकर ना खा सके तो यह आँतों  में रुक सकता है जिससे नई समस्यायें उत्पन्न हो सकती हैं। 
  • बाजार में मिलने वाले ओट्स ने कृत्रिम शक्कर मिला हो सकता है जो डायबिटीज के रोगियों के लिए नुक़सानदेह है। यदि आप ओट्स को हद से ज्यादा खाने लगेंगे तो नुकसान भी कर सकता है। जब आप किसी चीज़  को लिमिट में खाते हैं, तभी वह हमारे शरीर को लाभ देता है।

“अति हर चीज़ की बुरी होती है !”

  •  ओट्स में ग्लूटेन की मात्रा नहीं पाई जाती है, लेकिन यह भी खेतों में गेहूं और जौ के साथ ही होता है, तो इसमें भी ग्लूटेन के होने के कुछ चांसेज बढ़ जाते हैं। ग्लूटेन युक्त ओट्स खाने से डायरिया, पीठ दर्द जैसी समस्या हो सकती है। कम पोषक तत्व युक्त ओट्स अधिक खाने से कमज़ोरी, नाखून कम बढ़ना, नींद की समस्या हो सकती है।

हालाँकि, इसके सेवन से अत्यधिक नुकसान नहीं होता है, ओट्स खाने के बहुत ज्यादा नुकसान नहीं है यह बहुत ही फ़ायदेमंद है, बस हमें इसकी मात्रा को ध्यान में रखना चाहिए। यह हमारे शरीर के हर पार्ट की रक्षा करता है।

http://pearlsofwords.com/the-women-that-i-am/

संजना, विशाखा और निर्मला जी ने अपनी शाम की चाय के साथ एक विशेष मुद्दे पर चर्चा करके न सिर्फ अपना ज्ञान बढ़ाया बल्कि हमें भी यह सोचने के लिए मजबूर कर दिया कि अपनी सेहत से बढ़कर कोई चीज नहीं होती। अतः जो चीज हमें हमारे शरीर के लिए लाभदायक हो उसका उचित रूप से सेवन करना ही चाहिए। आपको यह लेख कैसा लगा कृपया अपने कॉमेंट्स द्वारा हमें अनुग्रहित कीजिए।

Editorial Team (Prerna ki Awaaz)

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