MyPoem: The Intense Feel of Love❤
The Intense Feel of Love❤—————————————I don’t know why!I keep watching you…..I don’t know why!I keep feeling you…..I don’t know How!I make you understand…..I don’t why why!it’s rare & firm….. I know it’s annoyingfor you sometimes…..I know I’m irritating tooat times…..I have no choice ratheryou just you…..Coz You make me...
MyPoem: Sometimes
Sometimes, I want to get lost somewhere… Hide myself in a secret attire…. May be Inside a shell, or in a tomb, Where no one either seeks me.. Or could see my flow.. Where no signals found & no mail could drop.. Where I keep my emotions safe &...
A Dramatic Story: Sukun…..
Jeevan bhi na kya gazab amusement park jesa hota hai na.. waqt ki ret Par fisalte hue Hum fir Wahin laut Kar aa khade hote hain jahan se Kabhi shuru hue the… Safalta aur kaamiyabi ki daud se thak Kar fir Bachapan k mitti k tillon Par Aakar hi...
My Story : “विज्ञान का सुख या प्रकृति का आनंद”
लघु कथा “निशा चाय बन गयी क्या ?” राकेश ने अखबार से नजर हटाकर कहा। “नहीं आज अच्छा मौसम लग रहा है, बादल भी है और मिट्टी की महक भी है लगता है पानी बरसेगा इसलिए पकौड़ी बना रही हूँ। बना दूँ क्या? चाय में थोड़ी देर लगेगी।” निशा ने...
MyPoems: ऐ मालिक!
ऐ मालिक! ज्यादा नहीं, बस इतना करम करना आँखों में शरम रखना हाथों में धरम रखना अपनी मर्यादाऔं का ज़हन में अदब रखना ऐ मालिक! ज्यादा नहीं, बस इतना करम करना बढ़ते कदमों को पिछले से बेहतर रखना अच्छाई ना छूटे, ज़रा नज़र रखना किरदार ऐसा देना कि, पर्दा...
MyPoems: अक्सर इक सवाल सा…….
अक्सर इक सवाल सा……. पूछा है जिंदगी से यह सवाल कई बार आखिर मुझे है किस बात का इंतजार जिंदा हूं मैं क्योंकि सांसे है बर्करार पर जज्बातों के भीतर घुटन क्यों है बेशुमार क्यों जिए जा रही हूं बेमक़सद दिन-रात गर नहीं है कोई मंजिल-2 तो क्यों खुश...
MyPoems: Maa
मां रिश्तो के तो नाम कही है, पर मां होना आसान नहीं है अपना हर एक ख्वाब भुला कर, खुश रहना आसान नहीं है एक एक काम है मां के जिम्मे, समय सारणी सख्त बड़ी है हर पल काम में उलझे रहना, सज्जनों आसान नहीं है माना यह एहसान...
MyPoems: मेरा चांद
मेरा चांद अक्सर मेरी खिड़की से झांक कर, कुछ फुसफुसाता है मेरा चांद …. आधी अंधेरी रात से छुपता छुपाता, चांदनी मेरे मुख पर बिखर जाता है मेरा चांद…. मुझसे मेरी ही मुलाकात करा कर, अपने साथ खूब हंसता हंसाता है मेरा चांद…. मैं भी मायूसी में अमूमन मैं भी...
MyPoem: Sapne, The dreams of a woman
1. बीते कल के सपने मेरे वो सपने जुड़े थे तुमसे, तुम्हीं से मेरा ह्रदय जुड़ा था तुम्हें जो पाया मन उड़ चला था, तुम्हीं से मेरा हर आसरा था पर तुम्हें था प्यारा यह जहां सारा, ना मिल सका मुझे तुमसे सहारा मैं छुप गई फिर निज दाएरों...
MyPoems: ख्वाब
हमने बनाया था ख्वाबों का गुलिस्तां, जहाँ जस्बातों की सतह पर प्यार के गुल खिले थे अपनेपन और इज़्ज़त के दरख्तों पर सुकून के रसीले फल लदे थे महक रहा था गुलज़ार अरमानों का मोहबतों के झूले बंधे थे उन झूलों पर झूलती मैं उन झूलों पर झूलती मैं,...