MyPoems: Maa

मां

 रिश्तो के तो नाम कही है, पर मां होना आसान नहीं है 

अपना हर एक ख्वाब भुला कर, खुश रहना आसान नहीं है 

एक एक काम है मां के जिम्मे, समय सारणी सख्त बड़ी है

हर पल काम में उलझे रहना, सज्जनों आसान नहीं है 

माना यह एहसान नहीं है, किसी पर यह इल्जाम नहीं है 

पर अंतर्मन की अभिलाषा को, भुला पाना आसान नहीं है 

घर छोड़ो तो घर बिगड़ेगा, मन तोड़ो तो मन बिगड़ेगा

दोनों को समेट के चलना, यह भी तो आसान नहीं है 

सबसे कठिन तो तब लगता है, जब कोई नहीं समझ पाया है 

कैसे मां ने पूरी की है, हर रिश्ते की जिम्मेदारी   

कर कर के भी नाम न मिलना, हक्का वह सम्मान न मिलना   

हंस कर सब कुछ डालते रहना……..

बिल्कुल भी आसान नहीं है, बिल्कुल भी आसान नहीं है ….

“Maa” by Ramandeep Kaur

Editorial Team (Prerna ki Awaaz)

Hello Everyone, Thank you for being with Digital Magazine "Prerna ki Awaaz"... (An inspirational bilingual magazine for the unique journey of life of self-reliant & liberated world...) आत्मनिर्भर और मुक्त विश्व की अनूठी जीवन यात्रा के लिए एक प्रेरणादायक द्विभाषी पत्रिका... "प्रेरणा की आवाज़" के साथ बने रहने के लिए आपका हार्दिक आभार...

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *